घात लगाकर दे गए, आतंकी आघात। एक वर्ष अब बीतता,ह्रदय व्यथित दिन रात। घात लगाकर दे गए, आतंकी आघात। एक वर्ष अब बीतता,ह्रदय व्यथित दिन रात।
स्वर्ण जयंती, ये स्वर्ण जयंती, देश की आजादी की स्वर्ण जयंती।। स्वर्ण जयंती, ये स्वर्ण जयंती, देश की आजादी की स्वर्ण जयंती।।
बुलंद इरादे लिए बढ़ते चले गए, तोप के मुंह बाँधें वो उड़ते चले गए । फांसी फंदा गले में चढ़ते चल... बुलंद इरादे लिए बढ़ते चले गए, तोप के मुंह बाँधें वो उड़ते चले गए । फांसी फ...
आज उसी 'पिस्तौल' का वंदन करने का शुभ दिन है। आज उसी 'मर्दानी' का पूजन करने का शुभ दिन आज उसी 'पिस्तौल' का वंदन करने का शुभ दिन है। आज उसी 'मर्दानी' का पूजन करने का...
क्यों इतना दर्द ? क्यों इतना गुस्सा ? एक हैं, एक हैं, एक ही रहेंगे हमेशा। क्यों इतना दर्द ? क्यों इतना गुस्सा ? एक हैं, एक हैं, एक ही रहेंगे हमेशा।
बहादुरों की कमी नहीं थी हमारे यहाँ बहादुरों की कमी नहीं थी हमारे यहाँ